सर्व मंगल मांगल्ये । शिवे सर्वार्थ साधिके ।।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी । नारायणी नमोस्तुते ।।
यूं तो संसार में सभी देवी-देवताओं को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, किन्तु विशेषकर "मोहता परिवार" में करणी माता की महत्ता निसंदेह रूप से सर्वोत्तम है। भगवती करणी माताजी की कृपा के सुंदर इतिहास के साथ ही साथ अत्यंत चमत्कारी रहस्य भी मोहता परिवार से जुड़ा हुआ है।
भगवती परमेश्वरी की कृपा से मनोभिलाशित दुर्लभतम वस्तु स्तिथि को मोहता परिवार के पूर्वजों ने सहज ही प्राप्त कर, आने वाली नव पीढ़ी का जीवन कृतार्थ किया है।
बीकानेर के विख्यात "मोहता" घराने में स्वर्गीय बलदेव दास जी मोहता का जन्म हुआ। उनके चार पुत्र आशाराम जी, कन्हैयालाल जी, रामलाल जी और मोहनलाल जी हुए। उनमें सर्वप्रथम कन्हैयालाल जी ने दैवीय आस्था और आराधना को अपनी जीवन शैली का अभिन्न अंग बनाया।
कन्हैयालाल जी का विवाह चँदा बाई के साथ हुआ। अपने वैवाहिक जीवन काल में संतति दुख के कारण उन्होंने करणी माता की शरण ली। जगजननी भगवती करणी माता के आशीर्वाद स्वरूप इन्हे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जिनका नाम भगवती के नाम पर 'करणीदान' रखा गया।
आज से एक शताब्दी पूर्व इस आशीर्वाद को प्राप्त कर के कन्हैयालाल जी के जीवन में नूतन स्फूर्ति और उत्साह संचार हुआ। उन्होंने अत्यंत हर्षोल्लास के साथ और पूजा-अनुष्ठान करके भगवती करणी माता की "मोहता बगीची" में स्थापना की। इसी उद्देश्य से कि आने वाली पीढ़ी में धर्म संस्कार युक्त चेतना जागृत हो और नव पीढ़ी लाभान्वित हो सके।
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी ॐ जय अम्बे गौरी
माँग सिन्दूर विराजत, टीको जगमग तो
उज्जवल से दो नैना, चन्द्रवदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै
ॐ जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति
ॐ जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे
ॐ जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी
आगम-निगम बखानी, तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरव
बाजत ताल मृदंगा, और बाजत डमरु
ॐ जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता
ॐ जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति
ॐ जय अम्बे गौरी
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै
ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी ॐ जय अम्बे गौरी
स्व○ श्री आशाराम जी मोहता
स्व○ श्री कन्हैयालाल जी मोहता
स्व○ श्री रामलाल जी मोहता
स्व○ श्री मोहनलाल जी मोहता
बलदेव दास मोहता बगीची
उस्तो की बाड़ी, जनता प्याऊ के पास
बीकानेर, राजस्थान